अर्जित अवकाश के नियम के अंतर्गत सर्वप्रथम नियम यह है कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी द्वारा एक माह की सेवा करने पर 2.5 दिन का अवकाश "अर्जित" किया जाता है।

अर्जित अवकाश के नियम

Wavy Line

इन अवकाशों को जनवरी एवं जुलाई माह में 15-15 दिन अर्थात वर्ष भर में कुल 30 दिन का अवकाश सरकारी कर्मचारी के अर्जित अवकाश में जोड़ा जाता है।

अर्जित अवकाश में अधिकतम 300 दिन का ही अवकाश जमा किया जा सकता है इससे अधिक अवकाश होने पर प्रत्येक छः माह में वह स्वतः ही समाप्त हो जाता है।

कर्मचारी के अर्जित अवकाश में रहने की अवधि में यदि कोई राजपत्रित अवकाश या साप्ताहिक अवकाश उस अवधि में आते है तो वे सभी दिवस अर्जित अवकाश में जुड़ जाते है

अर्जित अवकाश को केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 के उपनियम 26 के अंतर्गत स्वीकृत किया जाता है तथा इसका उपभोग सक्षम अधिकारी की पूर्व स्वीकृति मिलने के उपरांत ही किया जा सकता है

सरकारी कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियम, 1972 द्वारा अभिशासित होते हैं तथा वे छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) को दोनों प्रकार अर्थात्‌ गृहनगर (होम टाऊन) तथा

भारत दर्शन (आल इंडिया) प्राप्त करते समय 10 दिनों तक के अर्जित अवकाश का नकदीकरण करवाने के हकदार होते हैं।

छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) के दौरान लिया जाने वाले नकदीकरण को कर्मचारी अपने सेवाकाल में कुल 6 बार (अधिकतम 60 दिन) तक ले सकता है।

सरकारी नौकरी पूरी करने पर सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को अधिकतम 300 दिन के अर्जित अवकाश का नकदीकरण दिया जाता है।

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