Journey to Headquarters on LTC for family members | एल.टी.सी. में परिवार के सदस्यों की मुख्यालय की यात्रा के संबंध में स्पष्टीकरण
कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 31 अक्तूबर, 2017 के अनुसार पूर्व में ऐसा प्रावधान था कि कोई सरकारी कर्मचारी और उसके परिवार के सदस्य पृथक-पृथक रूप से एलटीसी का दावा कर सकते हैं, तथापि, ऐसे मामलों में दावे की प्रतिपूर्ति परिवार द्वारा की गई यात्रा की वास्तविक दूरी अथवा सरकारी कर्मचारी के मुख्यालय/तैनाती स्थान तथा यात्रा किए गए स्थान/गृह नगर के बीच की दूरी इनमें से जो भी कम हो उतने तक ही सीमित होगी।
2. मुख्यालय/तैनाती के स्थान से उक्त दूरी तक की प्रतिपूर्ति के प्रतिबंध से इस प्रकार की असामान्य स्थिति उत्पन्न होती है, जहां कोई सरकारी कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों के लिए गृह नगर या किसी अन्य स्थान से मुख्यालय/तैनाती के स्थान हेतु एलटीसी का लाभ उठाना चाहता है।
उदाहरण: कोई सरकारी कर्मचारी, जो दिल्ली में तैनात है, की आश्रित संतान मुंबई में रह रही है तथा वहां अध्ययनरत है, वह सरकारी कर्मचारी के पास उसके मुख्यालय/तैनाती स्थान अर्थात् दिल्ली तक एलटीसी पर यात्रा कर सकती है, तथापि, ऐसे मामलों में एलटीसी दावे की प्रतिपूर्ति मुख्यालय तथा यात्रा किए गए स्थान, इस मामले में जो मुख्यालय ही है, के मध्य की दूरी के लिए लागू होगी, जो दूरी शून्य ही हुई।
3. ऐसी समस्या का समाधान करने के लिए सम्बंधित विभाग द्वारा इस प्रकार के मामलो पर संयुक्त परामर्शदायी तंत्र कर्मचारी पक्ष तथा व्यय विभाग के परामर्श से विचार किया गया। अतः यह स्पष्ट किया जाता है कि सरकारी कर्मचारी की पात्रता के अनुसार, उसके परिवार के सदस्यों द्वारा भारत देश के किसी भी स्थान से सरकारी कर्मचारी के मुख्यालय अथवा तैनाती स्थल तक तथा वापसी के लिए एलटीसी पर की गई यात्रा (यात्राओं) के लिए संपूर्ण प्रतिपूर्ति की अनुमति होगी। जब ऐसी यात्रा सरकारी कर्मचारी के गृह नगर से की जाती है तो एलटीसी की गणना ‘गृह नगर एलटीसी’ तथा भारत देश के किसी अन्य स्थान से यात्रा के मामले में इसकी गणना ‘भारत दर्शन एलटीसी’ के लिए की जाएगी।
4. इस कार्यालय ज्ञापन के पैरा 3 में वर्णित प्रावधान भविष्यल्क्षी प्रभाव से लागू होंगे।
सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।