आरोप पत्र जारी करने की समय सीमा | Charge sheet time limit

Charge sheet time limit | आरोप पत्र समय पर जारी करने संबंधी अनुदेशों के संबंध में

कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 23 अगस्त, 2016 के द्वारा केंद्रीय सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियमावली, 1965 के अंतर्गत आरोप पत्र समय पर जारी करने (Charge sheet time limit) संबंधी अनुदेश जारी किये गए हैं। इसके अनुसार अजय कुमार चौधरी बनाम भारत संघ सिविल अपील संख्या 2015 की 1912 दिनांक 16 फ़रवरी, 2015 मामले में शीर्ष न्यायालय ने निम्नलिखित निर्देश दिया है:

“14 अतः हम यह निर्देश देते हैं कि किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी के निलंबन के आदेश का प्रवर्तन तीन माह से अधिक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। यदि इस तीन माह की अवधि के भीतर आरोप पत्र/आरोपों का ज्ञापन सम्बन्धित कसूरवार अधिकारी/कर्मचारी को नहीं दिया जाता है; यदि आरोपों का ज्ञापन/आरोप पत्र दिया जाता हैं तो निलंबन में विस्तार करने के लिए एक तर्कसंगत आदेश अवश्य जारी किया जाना चाहिए। जैसे कि इस मामले में, सरकार संबंधित व्यक्ति को राज्य में या राज्य से बाहर इसके किसी भी कार्यालय में किसी भी विभाग में स्थानांतरित करने के लिए स्वतंत्र है ताकि उसे उसके किसी भी स्थानीय या व्यक्तिगत संपर्क से अलग किया जा सके जिसका वह उसके विरुद्ध अन्वेषण में बाधा डालने के लिए दुरुपयोग कर सकता है। सरकार उसे उसका बचाव तैयार करने की अवस्था तक किसी भी व्यक्ति से संपर्क करने अथवा रिकॉर्ड और दस्तावेजों का प्रबंधन करने से भी रोक सकती है। …………. इसके अलावा, केंद्रीय सतर्कता आयोग के इस निर्देश कि आपराधिक अन्वेषण के लंबित होने से विभागीय कार्यवाही को भी मुल्तवी रखा जाए, का हमारे द्वारा अपनाए गए इस दृष्टिकोण के मद्देनज़र अधिक्रमण किया जाता हैं।”

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2. उपर्युक्त निर्णय के अनुपालन में, यह निर्णय लिया गया है कि जहां कहीं किसी सरकारी कर्मचारी को निलंबनाधीन रखा जाता है तो निलंबन के आदेश को तीन माह से अधिक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए, यदि इस अवधि (Charge sheet time limit) के भीतर आरोपित अधिकारी को आरोप-पत्र नहीं दिया जाता है। इस प्रकार, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आरोप-पत्र निलंबन की तारीख से 90 दिनों के मियाद के पूर्व जारी किया जाए। चूंकि यदि इस समय-सीमा (Charge sheet time limit) का पालन नहीं किए जाने पर निलंबन समाप्त हो जाएगा, अत: आरोप पत्र का समय पर जारी होना सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर कड़ी नजर रखना आवश्यक है।

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3. यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे मामलें में जहां किसी अन्वेषण ऐजेंसी ने मामले का अधिग्रहण कर लिया है या आपराधिक कार्यवाही शुरू कर दी गई है वहां यथा व्यवहार्य अनुशासनिक कार्यवाही शुरू कर दी जाए। इस संबंध में दिनांक 21.07.2016 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 11012/6/2007-स्था.क के तहत स्पष्टीकरण भी जारी किए जा चुके हैं।

4. सभी मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों से अनुरोध किया जाता है कि वे उपर्युक्त दिशानिर्देशों को अपने नियंत्रणाधीन सभी अनुशासनिक प्राधिकारियों के संज्ञान में लाए।

सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।


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