Deduction of income tax from salary during the financial year 2020-21 | वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान वेतन से आयकर की कटौती सम्बन्धी नियम
वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के राजस्व विभाग के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा दिनांक 3 दिसम्बर, 2020 को जारी परिपत्र के अनुसार पूर्व में भी वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 192 के तहत ‘‘वेतन” मद से आय के भुगतान पर आयकर की कटौती की दरों को सूचित किया गया था। वर्तमान परिपत्र में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ‘‘वेतन” मद से कर योग्य आय पर आयकर कटौती की दरें शामिल है तथा यह परिपत्र अधिनियम और आयकर नियम, 1962 के कुछ संबंधित प्रावधानों की व्याख्या करता है।
2. वित्त अधिनियम, 2020 के अनुसार, नीचे दी गयी दरों पर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अधिनियम की धारा 192 के तहत ‘‘वेतन” मद से कर योग्य आय पर आयकर कटौती करने की आवश्यकता है।
उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2.1 के अनुसार आयकर की सामान्य दरें नीचे तालिका में दी गई हैं:
क्रम सं. | कुल आय | आयकर की दर |
---|---|---|
1. | जहां कुल आय रू. 2,50,000/- से अधिक नहीं है। | शून्य |
2. | जहां कुल आय रू. 2,50,000/- से अधिक है परन्तु रू. 5,00,000/- से अधिक नहीं है। | रू. 2,50,000/- से अधिक की धनराशि पर 5 प्रतिशत की दर से आयकर |
3. | जहां कुल आय रू. 5,00,000/- से अधिक है परन्तु रू. 10,00,000/- से अधिक नहीं है। | रू. 5,00,000/- से अधिक की धनराशि पर रू. 12,500/- तथा 20 प्रतिशत की दर से आयकर |
4. | जहां कुल आय रू. 10,00,000/- से अधिक है। | रू. 10,00,000/- से अधिक की धनराशि पर रू. 1,12,500/- तथा 30 प्रतिशत की दर से आयकर |
उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2.2 के अनुसार धारा 115बीएसी के तहत आयकर की रियायती दरें यह प्रदान करती है कि एक व्यक्ति या एक हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) होने के फलस्वरूप धारा 115बीएसी के तहत आयकर हेतु पिछले वर्ष के संबंध में विकल्प का उपयोग किया जा सकता है। व्यवसाय या पेशे से आय वाले व्यक्ति के मामले में, ऐसे व्यक्ति को किसी भी पिछले वर्ष के लिए जो दिनांक 01.04.2021 को या उसके बाद शुरू होने वाले आंकलन वर्ष से सम्बन्धित हो, अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के तहत निर्दिष्ट नियत तारीख पर या उससे पहले निर्धारित तरीके से विकल्प का उपयोग करना आवश्यक है और एक बार ऐसे विकल्प का चयन करने के बाद ऐसा विकल्प बाद के वर्षों के लिए भी लागू होगा। हालांकि, ऐसे व्यक्तियों के मामले में, एक बार प्रयोग किए गए ऐसे विकल्प को केवल एक बार ही वापस लिया जा सकता है और जिस कारण ऐसा व्यक्ति फिर से विकल्प का उपयोग करने के लिए पात्र नहीं होगा जब तक कि ऐसे व्यक्ति की आय उसके व्यवसाय या पेशे से समाप्त नहीं होती।
व्यवसाय और पेशे के अलावा किसी अन्य स्रोत से आय वाले व्यक्ति के मामले में, इस तरह के व्यक्ति को पिछले वर्ष के लिए, जो उस आंकलन वर्ष से सम्बन्धित हो, अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत आय की रिटर्न के साथ-साथ निर्धारित तरीके से विकल्प का उपयोग करना आवश्यक है। धारा 115बीएसी के तहत प्रदान की गई कर की रियायती दरें इस शर्त के अधीन हैं कि कुल आय अतिरिक्त मूल्यह्रास और नुकसान उठाने के साथ निर्दिष्ट छूट या कटौती के बिना गणना की जाएगी।
धारा 115बीएसी के तहत आयकर की रियायती दरें नीचे तालिका में दी गई हैं:
क्रम सं. | कुल आय | आयकर की दर |
---|---|---|
1. | कुल रू. 2,50,000/- तक | शून्य |
2. | कुल रू. 2,50,001/- से रू. 5,00,000/- तक | 5 प्रतिशत |
3. | कुल रू. 5,00,001/- से रू. 7,50,000/- तक | 10 प्रतिशत |
4. | कुल रू. 7,50,001/- से रू. 10,00,000/- तक | 15 प्रतिशत |
5. | कुल रू. 10,00,001/- से रू. 12,50,000/- तक | 20 प्रतिशत |
6. | कुल रू. 12,50,001/- से रू. 15,00,000/- तक | 25 प्रतिशत |
7. | कुल रू. 15,00,000/- से अधिक | 30 प्रतिशत |
सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।