Definition of family members in conduct rules | केन्द्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 के नियम 4 के प्रसंग में “परिवार के सदस्यों की परिभाषा” के स्पष्टीकरण सम्बन्धी नियम
कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 20 जुलाई, 2016 के अनुसार केन्द्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 के नियम 4 (1) के तहत कोई सरकारी कर्मचारी किसी कंपनी या फर्म से अपने किसी परिवार के सदस्य को रोजगार दिलाने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने पद का प्रयोग नहीं करेंगे अथवा प्रभाव नहीं डालेंगे।
इसके अतिरिक्त नियम 4 (3) इस प्रकार हैः- “कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में किसी कर्मचारी या फर्म के किसी मामले पर कार्रवाई नहीं करेगा या किसी अन्य व्यक्ति को कोई ठेका या ठेके की मंजूरी नहीं देगा यदि उसके परिवार का कोई सदस्य उस कंपनी या फर्म में या उस व्यक्ति के अधीन नियुक्त है या वह या उसके परिवार का कोई सदस्य उक्त मामले या ठेके में किसी अन्य रीति से हितबद्ध है। वह सरकारी कर्मचारी इस प्रकार के प्रत्येक मामले या ठेके को अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेज देगा। तत्पश्चात वह मामला या ठेका जिस प्राधिकारी को भेजा गया हो उसके अनुदेशों के अनुसार निपटाया जाएगा।”
2. केन्द्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 के नियम 2 के अनुसार ‘परिवार के सदस्य की परिभाषा’ उपखण्ड (ग) नियम (2) के प्रसंग में भिन्न हो सकती है। अतः शंकाओं का समाधान करने के लिए यह स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त वर्णित नियम 4 (1) और 4 (3) के प्रसंग में सरकारी कर्मचारी से सम्बन्धित परिवार के सदस्य में पति अथवा पत्नी, पुत्र-पुत्री, माता-पिता, भाई-बहन अथवा रक्त या विवाह से सरकारी कर्मचारी से जुड़ा कोई व्यक्ति शामिल है, भले ही वे सरकारी कर्मचारी पर आश्रित हों अथवा नहीं।
सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।