Essentiality certificate and verification of bills in medical claims | चिकित्सा दावों में बिलों के सत्यापन एवं अनिवार्यता प्रमाण पत्र की बाध्यता समाप्त करने सम्बन्धी नियम
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 15 जुलाई, 2014 के अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति की प्रक्रियाओं में छूट के अनुरोध पर विचार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने हेतु “केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना” (Central Government Health Scheme) के लाभार्थियों से इस सम्बन्ध में कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए है। मंत्रालय द्वारा मामले की जांच की गई और स्वीकृत दरों से अधिक चिकित्सा उपचार पर किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग करने वाले सीजीएचएस लाभार्थियों से प्राप्त अनुरोध को तैयार करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का वर्णन करते हुए कार्यालय ज्ञापन दिनांक 20 फरवरी 2009 जारी किया गया था। सीजीएचएस लाभार्थियों के संबंध में अनिवार्यता प्रमाण पत्र (Essentiality certificate) की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया।
हालांकि, इस संबंध में केंद्रीय सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियमों के तहत कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए थे। इस संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने अपनी इकहत्तरवी रिपोर्ट में विभाग को इस मुद्दे को तुरंत संबोधित करने और केंद्रीय सेवाएं (चिकित्सा परिचर्या) नियम के तहत आने वाले लोगों को समान सुविधाएं प्रदान करने और इस संबंध में प्रक्रियाओं को स्पष्ट करते हुए एक नया परिपत्र जारी करने और संदेह को दूर करने, यदि कोई हो, के लिए प्रभावित किया। इस संबंध में कई तिमाहियों से अभ्यावेदन भी प्राप्त हो रहे थे।
2. मामले की जांच की गई है और केंद्र सेवाओं (चिकित्सा परिचर्या) नियमों के तहत निम्नलिखित के अनुसार सीजीएचएस के तहत समान पैटर्न पर दिशानिर्देश जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा चिकित्सा दावों की प्रतिपूर्ति के लिए पूर्व में जारी किये गए दिशानिर्देशों को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है।
(1) अब यह निर्णय लिया गया है कि इलाज करने वाले डॉक्टर और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बिलों के सत्यापन और अनिवार्यता प्रमाण पत्र (Essentiality certificate) जारी करने की प्रक्रिया को समाप्त किया जाए। सरकारी कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत की गई पर्ची और डायग्नोस्टिक रिपोर्ट के आधार पर दावों की प्रामाणिकता को संबंधित मंत्रालय/प्राधिकरण सत्यापित और जांच सकते हैं। किसी भी संदेह की स्थिति में, संबंधित मंत्रालय/प्राधिकरण हमेशा संबंधित अस्पताल से सत्यापन करवा सकता है।
(2) यह स्पष्ट किया जाता है कि अस्पताल में इलाज करने वाले डॉक्टर का अनिवार्यता प्रमाण पत्र (Essentiality certificate)/प्रति हस्ताक्षर (counter signature) अब से आवश्यक नहीं होगा। हालांकि, अनिवार्यता प्रमाण पत्र (Essentiality certificate) की आवश्यकता तब होगी जब ओपीडी के आधार पर एक अधिकृत चिकित्सा परिचारक (ए.एम.ए) से उपचार लिया जाता है।
सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।