पति और पत्नी दोनों के सरकारी सेवक होने की स्थिति में एलटीसी के नियम | LTC rules when both husband and wife are government servants

LTC rules when both husband and wife are government servants and are residing together | पति और पत्नी दोनों के सरकारी सेवक होने और साथ निवास करने की स्थिति में एलटीसी के नियम

कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 8 मई, 1990 के अनुसार पति एवं पत्नी के सरकारी कर्मचारी होने तथा साथ-साथ निवास करने की स्थिति में छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) की स्वीकार्यता (LTC rules when both husband and wife are government servants and are residing together) सम्बन्धी नियम जारी किये गए है।

पूरक नियम 2(8) के अंतर्गत दी गई परिवार की परिभाषा, जो अन्य बातों के साथ-साथ छुट्टी यात्रा रियायत की स्वीकार्यता के उद्देश्य से भी लागू होती है, के अनुसार किसी सरकारी कर्मचारी के परिवार में सरकारी कर्मचारी के साथ निवास करने वाले पति अथवा पत्नी, जैसा भी मामला हो, तथा साथ में रहने वाले बच्चे तथा सरकारी कर्मचारी पर पूर्ण रूप से आश्रित व्यक्ति सम्मिलित होते हैं। इसके अलावा, सरकारी कर्मचारी के माता-पिता, बहनें और भाई, यदि वे सरकारी कर्मचारी के साथ निवास कर रहे हैं तथा उस पर पूर्ण रूप से आश्रित हैं, वे सभी शामिल होते हैं।

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2. मौजूदा स्थिति के अनुसार यदि पति और पत्नी सरकारी सेवक हैं (LTC rules when both husband and wife are government servants) और साथ में निवास कर रहे हैं, तो वे छुट्टी यात्रा रियायत हेतु एक परिवार इकाई माने जाते हैं और उनमें से केवल एक इस रियायत का उपभोग करने के लिए दावा कर सकता है तथा दूसरा जीवन-साथी उसके परिवार के सदस्य के रूप में एलटीसी पर यात्रा करता है। ऐसी परिस्थिति में, सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ही गृहनगर की संयुक्त घोषणा करना आवश्यक होता है, जो दोनों जीवन-साथियों में किसी एक का गृहनगर अथवा कोई अन्य स्थान हो सकता है। इसलिए, वह जीवन-साथी जो दूसरे जीवन-साथी के परिवार के सदस्य के रूप में छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) का लाभ लेता है, अपने माता-पिता अथवा आश्रित भाइयों और बहनों के लिए एलटीसी हेतु अलग से लाभ का दावा नहीं कर सकता, भले ही वे उसके साथ निवास कर रहे हों।

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दूसरी ओर, जहां किसी दम्पत्ति में दोनों सरकारी सेवक हैं (LTC rules when both husband and wife are government servants) और अलग-अलग निवास कर रहे हैं तथा अपने-अपने गृहनगर के रूप में दो अलग-अलग स्थानों को घोषित करते हैं, तो ऐसी स्थिति में अपने आश्रित माता-पिता, अवयस्क भाइयों और बहनों के लिए एलटीसी के लाभ का अलग-अलग दावा कर सकते हैं। इसलिए, जब पति और पत्नी दोनों सरकारी सेवक हैं तथा दोनों साथ-साथ रह रहे हैं, तो उनके द्वारा एक ही गृहनगर की घोषणा करने के कारण एलटीसी के सम्बन्ध में उनका कुछ नुकसान हो सकता है क्योंकि उनमें से केवल एक व्यक्ति ही छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) का दावा कर सकता है।

इस मामले पर वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग के साथ परामर्श कर विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि जहां पति और पत्नी दोनों सरकारी सेवक हों, उस स्थिति में अपने विकल्प के अनुसार अलग-अलग गृहनगर घोषित कर सकते हैं और दोनों, केंद्रीय सिविल सेवा (एलटीसी) के सामान्य प्रावधानों के अंतर्गत अलग-अलग छुट्टी यात्रा रियायत का दावा कर सकते हैं, जो इस शर्त के अधीन होगा कि यदि पति अथवा पत्नी एक-दूसरे के परिवार के सदस्य के लिए लाभ लेते हैं, तो वे (पति-पत्नी) अपने लिए स्वंतत्र रूप से रियायत लेने के हकदार नहीं होंगे। इसी प्रकार, बच्चे किसी एक ब्लॉक वर्ष में माता-पिता में से किसी एक के परिवार के सदस्य के रुप में लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे। छुट्टी यात्रा रियायत की स्वीकार्यता हेतु अन्य सभी शर्तें, एलटीसी स्कीम के सामान्य प्राविधानो के अनुसार जारी रहेंगी।

3. उपरोक्त निर्णय एलटीसी लेने के लिए ब्लॉक वर्ष 1990-1991 एवं उससे आगे के ब्लॉक वर्षो में की गई यात्राओं पर लागू होगा।

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सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।


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