सेवा संबंधी मामलों के सन्दर्भ में सरकारी कर्मचारियों के अभ्यावेदन | Representation from Government servant on service matters

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Representation from Government servant on service matters | सेवा संबंधी मामलों के सन्दर्भ में सरकारी कर्मचारियों के अभ्यावेदन

कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 31 अगस्त, 2015 के अनुसार सम्बंधित विभाग द्वारा पूर्व में दिनांक 6 जून, 2013 को जारी किये गए कार्यालय ज्ञापन का संदर्भ दिया गया है जिसमें सरकारी सेवकों द्वारा उनके सेवा संबंधी मामलों के विषय में अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के लिए अनुदेश जारी किए गए हैं। इन अनुदेशों के बावजूद यह पाया गया है कि अर्द्ध सैन्य बलों और सेना कार्मिकों के अधिकारियों/कर्मचारियों सहित सरकारी सेवक सीधे प्रधानमंत्री, मंत्री, सचिव (कार्मिक) और अन्य उच्चतर प्राधिकारियों को अभ्यावेदन दे रहे हैं।

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2. मौजूदा निर्देशों के अनुसार, जहां सरकारी सेवक अपने सेवा अधिकारों या शर्तों से जुड़ी किसी शिकायत का समाधान चाहता है या किसी मामले पर कोई दावा करना चाहता है तो उसके लिए समुचित प्रक्रिया अपने आसन्न कार्यालयी वरिष्ठ या अपने कार्यालयाध्यक्ष या समुचित स्तर के ऐसे अन्य प्राधिकारी, जो उस संगठन/विभाग में ऐसे मामले से निपटने में सक्षम हो, को संबोधित करना है।

3. अभ्यावेदनों का पत्राचार के निर्धारित माध्यम को नजरअंदाज कर अन्य प्राधिकारियों को प्रस्तुत किया जाना गंभीरता से देखा जाना चाहिए और उनके विरुद्ध समुचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए जो इन निर्देशों का पालन नहीं करते हैं। इसे शोभनीय आचरण नहीं माना जा सकता है, जिस पर केन्द्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964 के नियम 3 (1) (iii) के प्रावधानों के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है। यह स्पष्ट किया जाता है कि इसमें ई-मेल या लोक शिकायत पोर्टल इत्यादि सहित सभी तरह का पत्राचार शामिल होगा।

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4. इस संबंध में सीसीएस (आचरण) नियमावली, 1984 के नियम 20 के प्रावधानों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जाता है जिसमें सेवा संबंधी मामलों में बाहरी प्रभाव डालने पर भी रोक है। जैसा कि गृह मंत्रालय के दिनांक 19.09.1963 के कार्यालय ज्ञापन द्वारा स्पष्ट है, सरकारी सेवक के संबंधियों से प्राप्त अभ्यावेदनों को भी बाहरी प्रभाव माना जाता है।

3. यह बात दोहराई जाती है कि इन अनुदेशों को अर्द्ध सैन्य बलों एवं सशस्त्र बलों के सदस्य सहित सभी सरकारी सेवकों के ध्यान में लाया जाए और इनका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।

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