Revision of provisions regulating gratuity | उपदान को विनियमित करने वाले प्रावधानों में संशोधन
कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 13 फरवरी, 2009 के अनुसार छठे केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिश पर लिए गए निर्णय के क्रियान्वयन के संबंध में जारी उक्त विभाग के कार्यालय ज्ञापन संख्या 38/37/2008-पी. एंड पी. डब्ल्यू.(ए) दिनांक 2.9.2008 के पैरा सं. 7.1 की शर्तों के अनुसार पेंशन की परिकलन के उद्देश्यार्थ अर्हक सेवा के जोड़े गए वर्षों का लाभ इस कार्यालय ज्ञापन के जारी होने की तारीख से वापस हो जाएगा ।
2. छठे केन्द्रीय वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट के पैरा 5.1.33 में निम्नलिखित सिफारिश की:
“पूर्ण पेंशन की अर्हक सेवा के 33 वर्ष के साथ लिंकेज को बंद कर देना चाहिए। जैसे ही कोई कर्मचारी 20 वर्ष की न्यूनतम पेंशन योग्य सेवा दे चुका होता है, तो पिछले 10 महीने में प्राप्त वेतन के औसत अथवा आहरित विगत वेतन, इनमें से जो सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी के लिए लाभप्रद हो, के 50 प्रतिशत पर पेंशन का भुगतान किया जाना चाहिए। इसके साथ-साथ, पेंशन/संबंधित लाभ की गणना हेतु अर्हक सेवा के जोड़े गए वर्षों का वर्तमान लाभ वापस लिया जाना चाहिए, क्योंकि यह अब सुसंगत नहीं होगा।”
यह सिफारिश संकल्प सं. 38/37/08-पी. एंड पी.डब्ल्यू.(ए) दिनांक 29 अगस्त, 2008 द्वारा सरकार द्वारा स्वीकार कर ली गई।
3. उपरोक्त सिफारिशों/निर्णयों से स्पष्ट है कि पेंशन और अन्य संबंधित लाभ जैसे उपदान के परिकलन के उद्देश्यार्थ अर्हक सेवा को जोड़े गए वर्षों का लाभ वापस लिया जाता है।
4. इसे वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग के यू0 ओ0 सं0 4.2/40/2009-आई-सी. दिनांक 12 फरवरी, 2009 द्वारा उनकी सहमति से जारी किया जाता है।
5. कृषि मंत्रालय इत्यादि से अनुरोध है कि जो सरकारी कर्मचारी 2.9.2008 से सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनकी पेंशन और उपदान का परिकलन करते समय उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखें।
सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।