60 days Special Maternity Leave | 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश प्रदान करने सम्बन्धी नियम
कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 2 सितम्बर, 2022 के द्वारा जन्म के उपरांत शिशु की तुरंत मृत्यु/मृत प्रसव (स्टिलबर्थ) के मामले में 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश प्रदान करने के संबंध में नियम जारी किये गए है। सम्बंधित विभाग को जन्म के उपरांत शिशु की तुरंत मृत्यु/मृत प्रसव के मामले में अवकाश/मातृत्व अवकाश प्रदान करने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगने के लिए कई संदर्भ प्राप्त होते रहे हैं।
इस मामले पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से परामर्श कर विचार किया गया है। मृत प्रसव अथवा जन्म के उपरांत शिशु की तुरंत मृत्यु के कारण होने वाले संभावित संवेदनात्मक आघात को, जिसका एक मां के जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है, को ध्यान में रखते हुए, जन्म के उपरांत शिशु की तुरंत मृत्यु/मृत प्रसव के मामले में महिला केंद्रीय कर्मचारी को निम्नलिखित शर्तों पर 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया गया है:-
(i) यदि किसी महिला केंद्रीय कर्मचारी द्वारा मातृत्व अवकाश का लाभ पहले ही ले लिया गया है और उसका अवकाश, जन्म के उपरांत शिशु की तुरंत मृत्यु/मृत प्रसव की तारीख तक जारी रहता है, तो शिशु की मृत्यु तक पहले ले लिए गये मातृत्व अवकाश को, किसी चिकित्सा के प्रमाण पत्र की मांग किए बिना, उसके अवकाश खाते में उपलब्ध अन्य किसी भी प्रकार के अवकाश में परिवर्तित कर दिया जाए और जन्म के उपरांत शिशु की तुरंत मृत्यु/मृत प्रसव की तारीख से 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाए।
(ii) यदि किसी महिला केंद्रीय कर्मचारी द्वारा मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं लिया गया है, तो जन्म के उपरांत शिशु की तुरंत मृत्यु/मृत प्रसव की तारीख से 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाए।
(iii) जन्म के उपरांत शिशु की तुरंत मृत्यु होने की अवस्था को जन्म के पश्चात् से 28 दिनों तक के रूप में परिभाषित किया जाए।
(iv) गर्भावस्था के 28 सप्ताह अथवा उसके पश्चात् जीवन के किसी लक्षण के बिना जन्म लेने वाले शिशु को मृत प्रसव के रूप में परिभाषित किया जाए।
(v) विशेष मातृत्व अवकाश का लाभ एक महिला केंद्रीय कर्मचारी के लिए 02 से कम जीवित बच्चों और किसी अधिकृत चिकित्सालय में प्रसव होने पर मिलेगा।
(vi) “अधिकृत चिकित्सालय” को केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सी.जी.एच.एस.) के अधीन पैनलबद्ध सरकारी चिकित्सालय या निजी चिकित्सालय के रूप में परिभाषित किया गया है। गैर-पैनलबद्ध निजी चिकित्सालय में आपातकालीन डिलीवरी के मामले में, आपातकालीन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
3. ये आदेश कार्यालय ज्ञापन के जारी होने की तारीख से केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियमावली, 1972 के नियम 2 के संदर्भ में भारत संघ के कार्यों के संबंध में सिविल सेवाओं और पदों पर नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू होंगे।
संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा निपटाए गए पिछले मामलों पर पुनः विचार करने की आवश्यकता नहीं है।
सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से उक्त नियम की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।